मानव को मान दे जहां नया बनाऐंगे, बहस जारी है, बहस जारी है।। मानव को मान दे जहां नया बनाऐंगे, बहस जारी है, बहस जारी है।।
A poem about changing the centres A poem about changing the centres
जिन्दगी फासला है मंजिल का, जिसको तय करते उम्र कट जाती। जिन्दगी फासला है मंजिल का, जिसको तय करते उम्र कट जाती।
करुं मां प्यार तुम्हें हमेशा मेरा चरित्र हो तुम जैसा । करुं मां प्यार तुम्हें हमेशा मेरा चरित्र हो तुम जैसा ।
its a question to lord krishn asking him to stop this rape harassment in the society ,same as how he... its a question to lord krishn asking him to stop this rape harassment in the soc...
वक़्त को ना पकड़ सका कोई वक़्त को ना थाम सका! वक़्त को ना पकड़ सका कोई वक़्त को ना थाम सका!